Friday 25 January 2013

भारत के 64 वें गणतंत्र के अवसर पर सभी भारतीयों के समेत भारत के उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं। आने वाले वक्त में भारत एक सशक्त और शांतिपूर्ण देश के रुप में उभरेगा ऐसी आशा की जानी चाहिए। इस पवित्र दिन पर देश के सभी नागरिकों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं

ललीत राणेजा जोशी
 

Saturday 19 January 2013


पता नहीं तुम क्या क्या करते हो,
माँ से लड़ते हो, बाप से झगड़ते हो।
अपनी विफलताओं को माँ बाप पर मढ़ते हो,
पता नहीं तुम क्या क्या करते हो।।
आज सबकुछ होते हुए अगर माँ परेशान है, अकेली है तो बस ऐसी ही घृणित मानसिकता के कारण। इतिहास गवाह है कि नौ महीने गर्व में ऱखने से लेकर जन्म देने तक तथा जन्म देने के बाद से लेकर एक अच्छा नागरिक बनाने तक माँ जितना त्याग करती है, पृथ्वी पर शायद ही ऐसा कोई हो। इसलिए कहा गया है कि माँ के दूध का कर्ज कोई भी नहीं अदा नहीं कर सकता। आज हम सभी अपनी तहजीब, अपनी समाजिकता, संस्कृती से कटते चले जा रहे हैं। इसका मूल कारण है माँ एवं उसके दिये गए संस्कारों की अनदेखी करने का।
कुछ लोग हैं आज भी इस समाज में जिनमे थोड़ी सी समृद्धि क्या आ गई कि माँ को भूल बैठे। माँ है भी पर वे अपनी भूमिका का निर्वाह केवल मात्र औपचारिकता भर करना चाहते हैं। ऐसा लगता है जिस माँ ने अपने बच्चों को पाल, पोस कर बड़ा किया वही माँ बच्चे के लिए भार गयी है। इतनी जिल्लत सहने के बाद भी माँ आज भी मुस्कुरा रही है, गम छुपा रही है, ना शिकवा किया ना शिकायत, आखिर मां जो ठहरी। इसका विशाल ह्रदय इतने चोट खाने के बाद भी मृदुलता के साथ प्यार बहा रहा है।