Sunday 3 February 2013

किस बात पर गर्व करूँ ?? लाखों करोड़ के घोटालों पर ? 85 करोड़ भूखे गरीबों पर ? 62 प्रतिशत कुपोषित इंसानों पर ? या क़र्ज़ से मरते किसानों पर ? किस बात पर गर्व करूँ ?? जवानों की सरकटी लाशों पर ? सरकार में बैठे अय्याशों पर ? अभी-अभी गणतन्त्र दिवस पर पूरे गर्व से तिरंगा फहराया; पूरी शिद्दत के साथ उसे सलामी देते हुए आजादी की जंग में अपनी जान न्यौछावर करने वाले शहीदों को याद किया; सड़कों पर छोटे-छोटे बच्चों को तिरंगे के साथ मस्ती से झूमते हुए देखा है, लगा कि वाकई इस महान देश की महानता ऐसे ही नहीं है हमें भारतीय होने पर गर्व है लेकिन भारत में एक औरत होना गर्व की बात नहीं। भारतीय नारी होने का मतलब है ता-उम्र त्याग, इच्छाओं को बलवती देना और अपने जिंदगी के अहम फैसले दूसरे के हाथ ऎसा सीर्फ़ हमारे देश मे है सर्वप्रथम मुझे इस बात का गर्व है की में हिंदू हूँ पर उससे पहले में एक इंसान हूँ जिसमे अंदर सोचने समझने की शक्ति है, अच्छाई और बुराई मे फ़र्क करने की शक्ति है और हर इंसान की तरह मुझे भी अपने क्रोध और प्रेम पर नियंत्रण नहीं है मेरे लेख को पढे़ बिना किसी तरह की टिप्पणी नहीं करे तो बेहतर होगा। ललीत जोशी

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