Thursday 28 March 2013

सोचता हूँ

मैं आप तमाम पाठक से जुड़ने की भरपुर कोशिश कर रहा हूँ इसलिए आशा करता हूँ कलम के जरिये उभरे मेरे भावना के पुष्पों को जो मैं आपके हवाले करता हूँ मैं  ये  सोचता  हूँ  कि  इस  फ़ेसबुक  के  जरिये  मैं दो चार लोगों  की  ज़िन्दगी  को  बेहतर  बना  सकता  हूँ . मैं  हमेशा  यही  प्रयास  करता  हूँ  कि  कैसे  अच्छी  से  अच्छी  बातें  शेयर करूँ  कि  पढने  वालों  की  लाईफ़  में  पोजेटीव चेन्ज आएं , और  शायद  यही  वज़ह  है  कि  मैं  इस  काम   से  कभी  थकता  नहीं  हूँ  और  इसे  कर  के  सचमुच  बहुत  खुश  और  संतुष्ट  होता हूँ मुझे लगता हैं कभी मैं अपने बारे में सोचता हूँ, कभी लगता हैं मैं लोगों के बारे में सोचता हूँ क्या गरीबों, असहायों के बारे में सही में कोई सोचता है?
ललीत जोशी

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