Monday 18 February 2013

प्यासे को पानी पिलाया नहीं..........


मीत्रो ग्रमी धीरे धीरे बड रही हैसेवा की भावना से हो जल का काम  सेवा एवं प्रेम की भावना से जुडे रहीये हमारे देश में हमेशा से ही सेवा की परंपरा रही है. जल सेवा भी इसी संस्कृति से प्रेरित है उपनिषद में कहा गया है कि 'अमृत वै आप:' यानि पानी ही अमृत है हमारे देश में हमेशा से ही सेवा की परंपरा रही है धरती का अमृत है पानी... जल सेवा ही सबसे बडी सेवा है
 प्यासे को पानी पिलाया नहीं, बाद अमृत पिलाने से क्या फायदा..........................
ललीत जोशी....
धन्यावाद गुगल जी आपका फ़ोटो के लीये..

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