जब कलम बोलती है कमाल बोलती है लफ्ज़ मेरे बोलते हैं दोस्तों की जुबान से कलम हाथ में आकर बोली कुछ लिख दे फिर मैंने सोचा क्या लिखूं आज मेरी कलम से ....... पर लीखना भी ईतना आसान नही है लगन व मेहनत से किसी भी कार्य को आसानी से सफलतापूर्वक किया जा सकता है बुलंद हो हौंसले, तो राहें बनती आसान जब दूसरों को बदलना नामुमकिन हो तो आपको खुद को ही बदल लेना चाहिए अब कुछ और लीखने की हिम्मत नहीं है और वैसे भी कुछ और लीखने को बचा भी नही है
ललीत जोशी...
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