Thursday 14 March 2013

अध्याय नही है !!!!!!!!!!!!


 माँ जो पहले एक बेटी, बहन, बीवी, बहू और फिर माँ बनकर अपनी पूरी जीवनभर की जिम्मेदारियों को बखूबी निभाती है माँ का बच्चे के जीवन में सर्वाधिक महत्व है क्योंकि माँ की तो सारी ज़िन्दगी ही बच्चे के चारो ओर ही सिमटी होती है माँ एक शब्द भर नहीं, बल्कि वह अपने भीतर एक पूरी कायनात समेटे हुए है माँ बिना इस सृष्टी की कलप्ना अधूरी है हर किसी कि जिंदगी माँ से ही शुरू होती है और माँ ही हमे सबसे अच्छे तरह समझ सकती है माँ के महत्त्व को वो सबसे अच्छे तरह जान सकते है जिनकी माँ नहीं होती .. माँ बिना इस सृष्टि की कल्पना अधूरी है ये अध्याय नही है और माँ का जीवन में कोई पर्याय नहीं है.......
ललीत जोशी....,,,,,,

No comments:

Post a Comment